Sunday, December 23, 2007

समाजवादी नेता कपिलदेव बाबु याद किये गए !


समाजवादी विचारधारा से उपजे कुछ महत्वपूर्ण नेताओं ने शनिवार को यहां इस बात पर चिंता प्रकट की कि कांग्रेस विरोध की राह चला उनका कारवां न सिर्फ कई दलों के खांचे में बंट गया है, बल्कि कुछ लोग सत्ता का सुख पाने के लिए गरीबों को भूल कर कांग्रेस के हमसफर भी हो गये हैं। यह इशारा सीधे राजद प्रमुख लालू प्रसाद की ओर था। मौका समाजवादी नेता कपिल देव सिंह की 85 वीं जयंती के सिलसिले में स्थानीय चैंबर आफ कामर्स सभागार में आयोजित समारोह का था। इस मंच से बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी बोले। दोनों ने एक-दूसरे के प्रति सद्भाव प्रकट किये। नजदीक होने या आने के इशारे किये। जार्ज फर्नाडीज के कटे-कटे से रहने के रुख को लेकर समाजवादियों में मलाल रहा। मुख्यमंत्री नीतीश और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के नाते मुलायम सिंह यादव ने बिखरे समाजवादियों को एकजुट होने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने रेल मंत्री लालू प्रसाद पर कांग्रेस के साथ कदमताल को लेकर न सिर्फ निशाना साधा बल्कि यह भी कहा कि समाजवादी आंदोलन से जुड़े लोगों की धारा ही कांग्रेस विरोध है। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद जनेश्वर मिश्र ने भी अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि समाजवादी आंदोलन आज अपने पुराने रूप में नहीं है। समाजवादी लोग अनेक खेमों और टुकड़ों में बंट गए हैं। अगर एक जगह इकट्ठा हो जाएं तो विकल्प के रूप में खड़ा हो सकते हैं। जेपी ने संपूर्ण क्रांति के भाष्य के तौर पर यह बात कही थी कि संपूर्ण क्रांति लोहिया की सत्यक्रांति है। किसी न किसी रूप में वह धारा आज भी मौजूद है। हम अपनी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग राज्यों में राजनीति कर रहे हैं। हमारे दल अलग जरूर हैं पर आज भी हमारे दिल में मुलायम सिंह यादव के प्रति एक बड़े भाई की इज्जत है। मुलायम सिंह यादव ने बीच में बिहार में कुछ प्रयोग जरूर किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके लिए सम्मान ही नहीं शुभेच्छा भी रखते हैं। काश, हम सभी एकजुट रहते। कोई एक पार्टी भले न रहे पर समाजवादी धारा आज भी जिंदा है। अप्रत्यक्ष रूप से रेल मंत्री लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के गरीब लोगों ने विश्वास के साथ उनके हाथ में सत्ता सौंपी पर पंद्रह वर्षों में गरीबों के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया, जबकि वह भी समाजवादी पृष्ठभूमि से निकले थे। अब हमें यह जिम्मेवारी दी गयी है। वह समाज के अंतिम आदमी के हित के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने आशा जतायी कि कभी न कभी माहौल बनेगा और बिखरे हुए समाजवादी एकजुट होंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस मौके पर कहा कि कपिलदेव बाबू की प्रेरणा से ही उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया था। बिना किसी निजी स्वार्थ के उन्होंने समाजवादी पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके मन में एक टीस थी कि कहां जाना था समाजवादी आंदोलन को और वह कहां पहुंच गया। समाजवादी आंदोलन को पुनर्जीवित करने में उन्होंने जोरदार भूमिका निभायी। समाजवादी लोगों के एकजुट होने का मुद्दा उठाते हुए श्री यादव ने कहा कि वह कई बार इस बारे में जार्ज फर्नाडीज से बात कर चुके हैं पर वह ध्यान में नहीं रख पाते। यह सही है कि बिखरे हुए समाजवादी अगर एकजुट हो जाएं तो बड़ी ताकत के रूप में सामने आएंगे। मुलायम ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में बेहतर काम कर रहे हैं। उनका दल अलग-अलग जरूर है पर एक-दूसरे के प्रति सम्मान ज्यांें का त्यों है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव जरूर हार गए हैं पर राजनीति से नहीं हारे हैं। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा सांसद जनेश्वर मिश्र ने कहा कि पटना और लखनऊ की सत्ता हमारे लिए पड़ाव है। मंजिल कहीं और है। पड़ाव पर भोग से ही लक्ष्य बिगड़ जाता है। लड़ाई सौ बूंद पसीना बहाने वाले को पांच बूंद का मेहनताना मिलने के खिलाफ है। पारिश्रमिक कम से कम पचास फीसदी मिलना चाहिए। समाजवाद से निकले कुछ लोग कांग्रेस से चिपके हैं। पर कांग्रेस की सोच तो समाजवाद से बिल्कुल ही अलग है। इस भटकाव के सुख से अपने को अलग करना होगा। पैसे और पसीने के बीच अजीब किस्म का घातक रिश्ता है। उसकी लड़ाई समाजवादी पार्टी लड़ेगी। जयंती समारोह के पहले सत्र में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ललन, राज्यसभा सदस्य ब्रजभूषण तिवारी तथा साहित्य अकादमी के ब्रजेंद्र त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर कपिलदेव सिंह समग्र का विमोचन भी किया गया। इसका संपादन रवींद्र भारती ने किया। स्व. कपिलदेव सिंह की धर्मपत्नी व उनके पुत्र डा.अर्जुन सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे। सभा का संचालन शिव कुमार ने किया।

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