बंद चीनी मिलों को निजी हाथों में सौंपने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को हरी झंडी दे दी। फैसले के अनुसार मोतीपुर रिलायंस इंडस्ट्रीज, लौरिया व सुगौली एचपीसीएल, रैयाम एसएस इंफ्रास्ट्रक्चर और लोहट को रौलकान प्रोजेक्ट को सौंपी जायेगी। अन्य फैसले के अनुसार नौवीं की छात्राएं अब अपनी पसंद से साइकिल खरीदेंगी। पहले इसे सरकार को खरीदना था, लेकिन अब यह पैसा उन्हें ही मिल जायेगा। बैठक में विधानमंडल सदस्यों की सिफारिश पर शहरी इलाकों में चापाकल लगाने, प्रतियोगिता परीक्षा से ठेके पर डाक्टरों की नियुक्ति, विधानपरिषद की नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी प्रस्ताव भी मंजूर कर लिये गये। बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिव गिरीश शंकर ने बताया कि साइकिल योजना के तहत हुए नये फैसले के अनुसारकरते हुए 19.60 करोड़ सहाय अनुदान मुहैया कराने का निर्णय किया गया है। विधायकों की सिफारिश पर उनके क्षेत्र के निकाय के हर वार्ड में 2-2 की दर से तथा विधान पार्षद की सिफारिश पर राज्य के किसी निकाय क्षेत्र में मात्र 5 चापाकल लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि डाक्टरों की ठेके पर होने वाली भर्ती के लिए अब प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित होगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना की विभिन्न योजनाओं के लिए 19 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यहां अगले साल से एमबीबीएस कोर्स शुरू करने की योजना है। बैठक में विधानपरिषद की नौकरियों में भी 15 नवंबर 2000 के प्रभाव से आरक्षण लागू करने का निर्णय किया गया। इसके लिए बिहार विधानपरिषद सचिवालय (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियमावली 1965 में संशोधन को मंजूरी दी गयी। नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत पटना एग्लोमेरेशन एरिया के अंतर्गत पटना नगर निगम क्षेत्र में सिवरेज-ड्रेनेज का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने तथा कार्यान्वयन के लिए टर्न बेसिस पर एनबीसीसी को एजेंसी नामित करने की मंजूरी दी गयी। एडीबी से तकनीकी व वित्तीय सहायता प्राप्त करने के एमओयू के प्रारूप को मंजूरी दी गयी। बियाडा को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बिप्रसे अधिकारियों को संयुक्त सचिव से निदेशक में प्रोन्नति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। क्षेत्रीय स्थापना के आशु लिपिकों,आशु टंककों की भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली को भी हरी झंडी दे दी गयी। इससे उद्योग विभाग के अधीन जिला उद्योग केंद्रों में कार्यरत इस श्रेणी के कर्मियों की नियुक्ति, प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। लड़कियां अब अपनी पसंद से खरीदेंगी। इसके लिए उनके खाते में धन जम करा दिया जायेगा। साइकिल खरीदी गयी, इसे साबित करने को स्कूल में रसीद जमा करना होगा। चीनी मिलों के संबंध में उन्होंने बताया कि इन्हें निजी हाथों में सौंपकर चालू करने के लिए निविदा मांगी गयी थी।14 निवेशकों ने 29 टेंडर दाखिल किए थे जिनमें 13 वैध हुए। ऐसे में पांच मिलों के हस्तांतरण की अनुमति दे दी गयी। इनका पुनर्जीवन गन्ना आधारित उद्योग के रूप में सुनिश्चित होगा। शेष के लिए फिर से टेंडर निकाले जाएंगे। उद्योग विभाग के एक अन्य प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मौर्या शुगर प्रा.लि ़को मोतिहारी के पकड़ीदयाल में 2500 टीसीडी क्षमता की नयी चीनी मिल व 15 मेगावाट विद्युत कोजेनरेशन प्लांट की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस पर 157.93 करोड़ का खर्च आएगा। परियोजना के लिए 128.59 एकड़ जमीन की जरूरत है। कंपनी ने अनुरोध किया है कि चोरमा में अधिग्रहीत जमीन चीनी मिल के लिए आवंटित किया जाए। श्री शंकर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में शहरी निकायों में विधानमंडल सदस्यों की सिफारिश पर चापाकल लगाने को 22.18 करोड़ की योजना को मंजूरकरते हुए 19.60 करोड़ सहाय अनुदान मुहैया कराने का निर्णय किया गया है। विधायकों की सिफारिश पर उनके क्षेत्र के निकाय के हर वार्ड में 2-2 की दर से तथा विधान पार्षद की सिफारिश पर राज्य के किसी निकाय क्षेत्र में मात्र 5 चापाकल लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि डाक्टरों की ठेके पर होने वाली भर्ती के लिए अब प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित होगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना की विभिन्न योजनाओं के लिए 19 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यहां अगले साल से एमबीबीएस कोर्स शुरू करने की योजना है। बैठक में विधानपरिषद की नौकरियों में भी 15 नवंबर 2000 के प्रभाव से आरक्षण लागू करने का निर्णय किया गया। इसके लिए बिहार विधानपरिषद सचिवालय (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियमावली 1965 में संशोधन को मंजूरी दी गयी। नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत पटना एग्लोमेरेशन एरिया के अंतर्गत पटना नगर निगम क्षेत्र में सिवरेज-ड्रेनेज का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने तथा कार्यान्वयन के लिए टर्न बेसिस पर एनबीसीसी को एजेंसी नामित करने की मंजूरी दी गयी। एडीबी से तकनीकी व वित्तीय सहायता प्राप्त करने के एमओयू के प्रारूप को मंजूरी दी गयी। बियाडा को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बिप्रसे अधिकारियों को संयुक्त सचिव से निदेशक में प्रोन्नति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। क्षेत्रीय स्थापना के आशु लिपिकों,आशु टंककों की भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली को भी हरी झंडी दे दी गयी। इससे उद्योग विभाग के अधीन जिला उद्योग केंद्रों में कार्यरत इस श्रेणी के कर्मियों की नियुक्ति, प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा।
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