Saturday, March 15, 2008

धोनी बिहार-झारखंड के सबसे बड़े करदाता


चालू वित्तीय वर्ष में 12 मार्च तक शुद्ध नान कारपोरेट टैक्स (व्यक्तिगत आयकर) की वसूली में 38.36 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं शुद्ध कारपोरेट टैक्स की वसूली में भी 21.25 फीसदी की भारी वृद्धि देखने को मिली है। यह जानकारी मुख्य आयकर आयुक्त पटना सुबोध कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी बिहार व झारखंड में सबसे अधिक एडवांस टैक्स देने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष के 1879.10 करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर 2746.47 करोड़ कर दिया गया। जिसके विरूद्ध शुद्ध कारपोरेट टैक्स की वसूली में 846.7 करोड़ तथा व्यक्तिगत आयकर मद में 1064.64 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है जबकि अभी महीना खत्म होने में एक पखवारा बाकी है। आयकर वसूली में हुई बढ़ोत्तरी के कारणों पर चर्चा करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया कि विभाग इन दिनों काफी जागरूक हो गया है। हमारी अर्थव्यवस्था में भी काफी तेजी से इजाफा हो रहा है। मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया कि 15 मार्च एडवांस टैक्स जमा करने की अंतिम तारीख है। इसके बाद विभाग कर जमा नहीं करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने से नहीं हिचकेगा। श्री सिन्हा ने बताया कि वे व्यक्तिगत तौर पर सर्वे पर विशेष ध्यान देते हैं। इसी कारण चालू वित्तीय वर्ष में हुए 107 सर्वे में से अकेले 52 सर्वे 1.1.2008 को उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से हुए हैं। इस दौरान 8.13 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली हुई। चालू वित्तीय वर्ष में 12 सर्च हुए तथा 83 वारंट जारी किये गये। इसमें 7040 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी दर्शायी गई। जबकि 606 लाख की राशि जब्त की गई। उन्होंने बताया कि बकायेदारों से कर वसूली में सख्ती बरती जायेगी। जिन करदाताओं पर बकाया है और उनका कहीं कोई मामला लंबित नहीं है उनसे हर हाल में कर की वसूली की जायेगी। कर वसूलने के लिए उनकी सम्पत्ति अटैच की जायेगी और उन्हें जेल भेजा जायेगा। जिन लोगों का मामला लंबित है, उन्हें बकाया किस्तों में चुकाने का मौका दिया जायेगा। वैसे लोग जिन्होंने अपना पता बदल गया है, उनके संबंध में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। मौके पर सीआईटी (टीडीएस) उज्जवल चौधरी ने बताया कि पिछली बार बिहार व झारखंड में टीडीएस मद में 930 करोड़ की वसूली हुई। इस बार केन्द्र सरकार ने लक्ष्य 1386 करोड़ रुपये कर दिया, जिसे बाद में बढ़ाकर 1583 करोड़ कर दिया गया। सजकिे विरूद्ध फरवरी के अंत तक 1337 करोड़ की वसूली हो चुकी है। टीडीएस कटौती मामले में पटना 705 करोड़ के साथ पहले स्थान पर है, जबकि 642 करोड़ के साथ रांची दूसरे स्थान पर चल रहा है। मुजफ्फरपुर में भी 40 करोड़ की वसूली हो चुकी है। श्री चौधरी ने बताया कि टीडीएस वसूली में 45 फीसदी का इजाफा हुआ है। फरवरी महीने तक आईटी एक्ट 1961 की धारा 133 ए के अंतर्गत 59 सर्वे किये गये। जबकि इस दौरान पिछले वर्ष 30 सर्वे हुए थे। उन्होंने बताया कि सभी डीटीओ को अनिवार्य रुप से टैन नंबर होना चाहिए। रिफंड के संबंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सीसीआईटी-2 एम.एन.तिवारी ने बताया कि चार महीने में करदाताओं को रिफंड मिल जायेगा। इसके लिए उन्हें अपना बैंक खाता क्रमांक व पैन नंबर सही-सही लिखना चाहिए। उन्होंने बताया कि रिफंड के संबंध में अगर किसी को कोई परेशानी हो तो वह सीधे उनसे मिल सकता है। मौके पर अपर आयुक्त नीरज सिन्हा व विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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