Monday, October 13, 2008

कब के बिछड़े आज यहां आकर मिले..

कब के बिछड़े आज यहां आकर मिले..

Oct 12, 11:20 pm

पटना 'कब के बिछड़े आज यहां आकर मिले..' इसी संगीत के सहारे पाटलिपुत्रा सीनियर सेकेंड्री स्कूल पूर्ववर्ती छात्र संघ (पाटलिपुत्रियंस) के बैनर तले आज 25 वर्षो बाद पुराने छात्र एक दूसरे से मिल रहे थे। पूर्ववर्ती छात्रों को जब मंच पर गाने का मौका मिला तो वे अपने इस उद्गार को दबा नहीं सके। एक दूसरे से गले मिलते ही वे मंच पर एक साथ इस गाने को दोहराने लगे। उस समय ऐसा लग रहा था मानो सारे पूर्ववर्ती छात्र 25 वर्ष पूर्व की पुरानी जिंदगी में लौट चुके थे।

रविवार को स्कूल परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में 1983 बैच के छात्रों को सम्मानित किया गया। समारोह का उद्घाटन सेवानिवृत्त शिक्षकों से कराया गया। हालांकि इस समारोह में कई ऐसे उद्घाटनकर्ता भी मौजूद थे परंतु सब के सब आज पूर्ववर्ती छात्र के रूप में मस्ती करने के मूड में थे। उद्घाटन कर रहे पुराने शिक्षकों ने रुंधे गले से अपने काल के शैक्षणिक वातावरण की चर्चा कर रहे थे। उन्होंने गुरु-शिष्य की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिये पाटलिपुत्रियंस को बधाई दी। 25 साल बाद मिले छात्र जब एक साथ 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा..' के धुन पर स्टेज पर थिरकने लगे तो लोग भूल गये कि इनमें से कई ऐसी हस्तियां भी मौजूद हैं जिन्हें लोग थिरकते कम ही देखे होंगे। राजधानी के डा.दिवाकर तेजस्वी, डा.हिमांशु राय, डा.रंजन कुमार, डा.अजय कृष्ण प्रसाद जैसे पूर्ववर्ती छात्र सुर में सुर मिलाकर आज फिर से बीते दिनों की याद कर रहे थे।

इस समारोह में सबकुछ पुराना दिख रहा था। वही माहौल जब एक दूसरे को चिढ़ाते थे और बाद में गले लगा माफी भी मांगने से नहीं चूकते थे। नया था तो बस यही कि पहले अकेले इस विद्यालय में आते थे और आज अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पुराने अतीत को बटोरने पहुंचे थे। समारोह के दौरान पूर्ववर्ती छात्रों ने सेवा निवृत्त शिक्षक बलदेव राय, श्याम किशोर शर्मा, परमानंद शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, शिवगोविंद चौधरी, एस.एन.सिन्हा, शमीम अहमद एवं जयश्री सिंह को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय आरपीएफ संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, रणजी क्रिकेटर सूरज नारायण लाल, संघ के सचिव संजय कुमार, चन्द्रकांत, सत्येन्द्र कुमार सिंह, शशि शेखर, प्रियरंजन तिवारी, सच्चिदानंद, उमेश कुमार, दीपक जायसवाल, अशोक अग्रवाल समेत चार सौ से अधिक पूर्ववर्ती छात्र उपस्थित थे।





2 comments:

SANJAY KUMAR said...

Mujhe iss baat ki bahut khushi hai ki iss program mein sangathan ke sachiv hone ke naate main bhi wahan mojood tha aur 83 batch ke logo ka uttsah dekhte hi banta tha. Aisa laga unka chattra jiwan laut aaya ho usi tarah ki uchhal kood jaise wey aapne chattra jiwan mein karte honge. Arey Diwakar tum to bada doctor ho gaya re bahut kama raha kuch aapne doston per bhi kharch kar, himanshu bhi yahan mojood hai uski badmashi abhi tak yaad hai, iss tarah ke comment sunkar bahut khushi hui ki humnne kam se kam 25 varshon ke baad bhi logon ko ek jagah ikkatha kar paye

Anonymous said...

Sorry missed the re-union but was estatic to read about it. Brought back thousands of found memory of the school - classmates and teachers (too many to name).

Let's all keep in touch.

Sandeep Sinha
'83 Batch