Saturday, October 24, 2009

राजधानी सज-धज कर तैयार

लोक आस्था के महापर्व छठ पर डूबते सूर्य को पहला अ‌र्घ्य कल शनिवार को अर्पित किया जायेगा। दूसरा अ‌र्घ्य रविवार को तड़के इसके लिए शुक्रवार को व्रतियों ने दिनभर उपवास रखकर गंगा स्नान किया और भगवान भास्कर को जल का अ‌र्घ्य अर्पित किया। प्रशासन ने राजधानी पटना में दूर तक फैले गंगा तट और शहर के विभिन्न स्थायी-अस्थायी तालाबों पर अ‌र्ध्य अनुष्ठान के लिए व्यापक व्यवस्था की है। आज इन सजे-सुरक्षित घाटों पर नहाय-खाय के लिए श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहा। औरंगाबाद के देव स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में भी भीड़ उमड़ी। पटना में गंगा तट पर ही लोगों ने खरना का प्रसाद (रोटी एवं खीर) बनाकर ग्रहण किया। घरों में भी प्रसाद वितरण हुआ। भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य देने के लिए राजधानी में तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। घाटों की साफ-सफाई हो गयी है। छठव्रतियों को नदी तट तक पहंुचने के लिए सुगम पथ बनाये गए हैं। विभिन्न संपर्क मार्गो को रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया है। वे रोशनी से नहाए लग रह हैं। पटना में प्रशासन और पूजा समितियों की मेहनत का असर चटख रंगों में दिखने लगा है। व्रतियों के लिए अब गंगा दूर नहीं रह गई हैं। पटना नगर निगम क्षेत्र में खतरनाक घाटों को सुरक्षित बनाने में ऐसी तेजी दिखाई गई कि पर्व से एक दिन पहले इनकी संख्या घटकर आधी हो गयी। हालांकि दानापुर की स्थिति में खास बदलाव नहीं हुए हैं। अंतिम तैयारी की समीक्षा के दौरान शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रमंडलीय आयुक्त, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त को एहतियात के तौर पर कई निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार को सभी घाटों की जांच गोताखोरों से करायी जा चुकी है। उपयोगी और खतरनाक घाटों की सूची जारी कर दीगयी है। नगर निगम और जिला नियंत्रण कक्ष के अलावा सभी संबंधित अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है। बांकीपुर क्लब, अंटा घाट और कलेक्ट्रेट घाट पर सर्वाधिक भीड़ होती है। इन जगहों पर सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए गये हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की 17 टीमें उपलब्ध हैं। मोदी ने प्रथम अ‌र्घ्य के बाद गंगा तट की ओर जाने वाले रास्ते पर प्रकाश व्यवस्था, अस्थायी पुल तथा घाटों पर सुरक्षा घेरे की जांच का निर्देश दिया है। शनिवार को अपराह्न 3 बजे तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। शहर के भीतर बनाये गये नये तालाबों में पानी का प्रबंध 2 बजे तक करने का आदेश है। उपमुख्यमंत्री ने टूटी सड़कों का मलबा हटाने के साथ ही घाटों पर नदी गश्ती दल व गोताखोरों की जानकारी ली। जरूरी प्रबंधों की जांच रात में ही करने का निर्देश दिया। प्रमंडलीय आयुक्त सुनील बर्थवाल ने बताया कि गंगा घाटों पर सुरक्षा घेराबंदी की जिम्मेदारी वहां तैनात अभियंताओं और दंडाधिकारी को सौंपी गयी है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अजय नायक ने कहा कि अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपने दायित्व लगन के साथ निभायेंगे। लापरवाही हुई तो कार्रवाई के हकदार होंगे। डीएम ने बताया कि 21 अक्टूबर को कराये गये सर्वेक्षण में नगर निगम क्षेत्र में 31 घाट उपयोगी नहीं माने जा रहे थे। लेकिन जल संसाधन , भवन निर्माण विभाग और सदर प्रखंड बीडीओ के साथ पूजा समितियों कीमेहनत से घाटों पर रास्ते सुगम बनाये गये। खतरनाक घाटों की संख्या घटकर 18 रह गयी है। नगर निगम ने शहर के विभिन्न मोहल्ले में नये व पुराने 55 तालाब में अ‌र्घ्यदान की व्यवस्था की गयी है। नगर आयुक्त के. सैथिल कुमार ने बताया कि निगम पानी भरने को अपने 30 टैंकरों के अलावा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के 7 टैंकरों का उपयोग कर रहा है। सभी कच्चे तालाब में पानी भरने का जिम्मा मुख्य अभियंता को दिया गया है। घाटों की ओर जाने वाले रास्ते में 125 सोडियम वैपर लाइट लगायी गयीं हैं। औरंगाबाद के देव सूर्य मंदिर में सुबह से ही महिलाएं पूजा गीत गुनगुनाती हुई संबंधित कार्यो में लगी रहीं। शाम को सूर्य कुंड में Fान कर श्रद्धालुओं ने खरना का विधान पूरा किया। पूरे दिन बाजारों में चहल-पहल रही।

साभार : दैनिक जागरण , पटना

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