Monday, November 26, 2007

डीआईजी पहुंचे विकलांग विनोद के गांव

तिरहुत प्रक्षेत्र के डीआईजी अरविन्द पाण्डेय ने कहा है कि दबे-कुचले एवं जरूरत मंदों की सहायता करही समाज को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। दुनिया भर में फैले बिहारियों को संगठित करके ही नया बिहार बनाया जा सकता है। श्री पाण्डेय रविवार को जिले के मनियारी थाना क्षेत्र के हरिशंकर मनियारी गांव में सुधा गिरजा फाउण्डेशन, बिहार टूडे एवं केएसडीएस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से रेलगाड़ी से दोनों पांव कटने से विकलांग विनोद ठाकुर को ट्राइसाइकिल एवं अन्य सहायता दिये जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। डीआईजी ने कहा कि ऐसे मामलों में दैनिक जागरण काफी संवेदनशीलता दिखाता है। उन्होंने अखबार को श्री ठाकुर की खबर को बेहतर तरीके से पेश करने के लिए धन्यवाद दिया। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का असर रविवार को मूर्तरूप लेता दिखाई दिया। जब सुधा गिरजा फाउण्डेशन एवं बिहार टुडे न्यूज पोर्टल से जुड़े अमेरिका, नोयडा एवं मुम्बई से रंजन ऋतुराज, पुरन्दर सावर्ण, कुमार सुलभ, संजय एवं मनोज कुमार ने साईकिल एवं तीन हजार रुपये की नकद सहायता दी। अमेरिका के जार्जिया विश्र्वविद्यालय के एमबीए छात्र हिमांशु एवं उनके साथियों ने यह सहयोग राशि जुटा कर भेजी थी। श्री सावर्ण ने विनोद की पत्‍‌नी सुषमा देवी को स्वरोजगार के लिये एक सिलाई मशीन देने की भी बात कही। डीआईजी श्री पाण्डेय ने मनियारी थाना प्रभारी पीडि़त का बयान दर्ज कर एसपी कार्यालय में भेजने का निर्देश दिया ताकि रेलवे से मुआवजा मिलने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। मनियारी प्रतिनिधि के अनुसार तीन वर्ष पूर्व रेल हादसे में दोनों पैर गंवा चुके विनोद के लिए रविवार का दिन काफी शुभ रहा। डीआईजी श्री पांडेय खुद उसके घर पहुंचे और सहायता उपलब्ध करायी। यहां मुम्बई स्थित निर्माण कंपनी के. कुमार सुलभ, एसडीएस सॉफ्टवेयर के निदेशक संजीव कुमार, पटना के व्यवसायी पुनेन्द्र कुमार, मनियारी जागरण समिति के अवधेश सहनी, गौतम गोविंद के अलावा स्थानीय पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद थे।

3 comments:

36solutions said...

एसे अधिकारी हैं तभी तो देश का अस्तित्‍व कायम है, इन्‍हें हमारा नमन ।
आपको इस समाचार को यहां प्रस्‍तुत करने के लिए धन्‍यवाद ।

आरंभ
जूनियर कांउसिल

संजय शर्मा said...

ग्रेट ! बिना पायल के ही बजे घुघरू !

Anonymous said...

The help of tricycle and Rs. 1000 is given to Mr. Binod by me (Sanjiv Kumar, Director:Katyayani Silicon Data System Pvt. Ltd. present in photograph on Wheelchair) also. I went at Binod House, with reepected DIG of Tirhut.