भारत में शिक्षा के अधिकार पर एक कानून प्रस्तावित है जिसे Right To Education Bill २००८ कहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का एक फ़ैसला इसका कारण बना जिसके मुताबिक शिक्षा का अधिकार मूल अधिकारों में से है। कुछ दिन पूर्व इस पर कैबिनेट में विचार हुआ। अब इसे मंत्रियों के समूह को विचार करने के लिए भेज दिया गया है। उमीद की जाती है की अगले सत्र में इसे लोक सभा में पेश कर दिया जाएगा। इस बिल पर अलग अलग समूहों में काफी विचार चल रहे हैं क्योंकि ऐसा समझा जाता है की यह बिल देश के भविष्य की दिशा तय करेगा। जैसा होता है मूल रूप से वे जो यहाँ की वर्तमान शिक्षा प्रणाली से संतुष्ट है और दुसरे वे जो इस बिल को भी नाकाफी मानते हैं। डॉ अनिल सदगोपाल इसके आलोचकों में हैं और उनके सुझाव काफी जगहों में बहस का मुदा बन रहा है। मैंने उनके कुछ लेखो और रिपोर्टों को http://www.jvmjkd.blogspot.com में स्थान दिया है। इसके अलावा ज्ञान आयोग की रिपोर्ट का लिंक भी दिया है जिसमे बिहार सरकार की समिति का ppt प्रेजेंटेशन भी है. ऐसी खबर है की इस रिपोर्ट को बिहार सरकार ने त्याग दिया है. कारण तो वे ही जाने लेकिन सामान्य विद्यालय वावास्था पर वह भी एक अच्छा रिपोर्ट है. मैं डॉ सदगोपाल का एक लेख और attach कर रहा हूँ जो हिन्दी में है। मैं यह सब इसलिए भेज रहा हूँ ताकि कुछ बातचीत हो सके और इसको पढ़नेवाले अपना विचार रख सकें. आप अपने विचार सीधे डॉ सदगोपाल को या मुझे भेजे. उचित होने पर इसे स्थान देने की कोशिश होगी.-- Dr.V.N.Sharma
http://canvas.nowpos.com/vnsharma
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