पटना
जापान की पांच सदस्यीय टीम ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक पावर डेवलपमेंट कम्पनी लि.(जापान पावर)के निदेशक सिंगेरू कोण्डो के नेतृत्व में ऊर्जा मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह से सचिवालय स्थित उनके कक्ष में मुलाकात कर राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के प्रति अपनी रुचि दिखाई। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था जेबीआईसी ने जापान पावर को कैमूर स्थित 1600 मेगावाट क्षमता की हथियादह-दुर्गावती पंप स्टोरेज स्कीम के लिये राशि उपलब्ध कराने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार आगे की कार्रवाई के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग से अनुरोध करेगी। जापानी टीम स्थल निरीक्षण को कैमूर प्रस्थान कर गयी। टीम का यह दूसरा दौरा है। स्थल निरीक्षण से लौटकर टीम सरकार को सिफारिश देगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पनबिजली परियोजनाओं से ही सस्ती बिजली मिलती है। परियोजना स्थापित होने में समय भी कम लगता है। इसके माध्यम से ही ऊर्जा संकट से निबटा जा सकता है। ऊर्जा मंत्री के अनुसार प्रदेश में पनबिजली की असीम संभावनाएं हैं। इस अवसर पर ऊर्जा सचिव राजेश गुप्ता,बीएचपीसी के प्रबंध निदेशक एलपी सिन्हा, मुख्य अभियंता जवाहरलाल सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। राज्य सरकार ने सिनाफदर स्थित 345 मेगावाट की एक परियोजना का जिम्मा एनएचपीसी को सौंपा है। कैमूर क्षेत्र में पम्प स्टोरेज की प्रस्तावित चार परियोजनाओं से 2570 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है। इसके तहत तेलहरकुण्ड में 400 व पंचगोटिया में 225 मेगावाट विद्युत उत्पादन संभव है। बीएचपीसी द्वारा इस वर्ष 15 नयी लघु जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित होंगी। इससे क्षमता 47 मेगावाट से बढ़कर 62 मेगावाट हो जायेगी। इसके अतिरिक्त बीएचपीसी की योजना में डागमारा में 126 व इन्द्रपुरी में 450 मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजना स्थापित करना शामिल है।
Wednesday, June 18, 2008
जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर जापान की टीम का दौरा
Posted by Mukund Kumar at 5:58 AM
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