पटना। जल संसाधन मंत्रालय के सचिव यूएन पंजियार ने मंगलवार को कोसी नदी की धारा को पुरानी धारा में लाने सम्बन्धित कार्य में पर्याप्त सहायता व ड्रेजर मशीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नेपाल क्षेत्र में कायरें पर होने वाले शत-प्रतिशत व्यय का भुगतान केन्द्र से होगा। इसमें राशि की कमी नहीं होगी। मंत्रालय सचिव श्री पंजियार व गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष आरसी झा ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ कुसहा कटाव स्थल पर हो रहे कायरें की समीक्षा की। उन्होंने कोसी नदी के 10 हजार क्यूसेक के डिस्चार्ज को पायलट चैनल में ले जाने की आवश्यकता महसूस की। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार केन्द्रीय अधिकारियों के साथ वार्ता में सहमति बनी कि कटाव को भरने व नदी को पुरानी धारा में लाने के कार्य को सेवानिवृत अभियंता प्रमुख नीलेन्दु सान्याल की अध्यक्षता में गठित कोसी ब्रीच क्लोजर एडवाइजरी टीम की अनुशंसा पर ही सभी कार्य कराये जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार टूटान बिन्दु से पानी का बहाव दिसम्बर 2008 तक पूरा करने व मार्च 2009 तक बांध का सुरक्षात्मक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए आपातकालीन निविदा मांगी गयी है व 25 अक्टूबर तक कार्य आवंटन किया जाएगा। पहली प्राथमिकता कटान व टूटान बांध से पानी को रोकने की है। उधर कोसी के बराह क्षेत्र में जलश्राव में 3000 घनसेक की कमी हुई है। जलश्राव सोमवार को 36,500 घनसेक था जो घटकर 33,500 हो गया है।
Wednesday, October 15, 2008
कोसी तटबंध की मरम्मत में मदद करेगा केंद्र
Oct 15, 02:00 am(A Jagran-Yahoo Report)
Posted by Dr.V.N.Sharma at 5:44 PM
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