Thursday, November 15, 2007

छठ व्रतियों के लिए देव सूर्यमंदिर सज-धज कर तैयार

ऐतिहासिक सूर्य नगरी देव स्थित सूर्य मंदिर सज-धज कर तैयार हो गया है। वैसे तो इस मंदिर की शिल्प कला विश्व में अद्वितीय है जिसे देखने एवं भगवान भास्कर के दर्शन हेतु सालों भर देश-विदेश से पर्यटकों का आवागमन होता रहा है परंतु वर्ष में दो बार कार्तिक एवं चैत्र मास में इस मंदिर की महत्ता विशेष रूप से बढ़ जाती है। वर्ष में दो बार 'छठ' पर्व के अवसर पर यहां भव्य मेला लगता है।

इस मेला में लाखों छठ व्रतियों का आगमन होता है। जहां छठ व्रती ऐतिहासिक कुष्ठ निवारक सूर्यकुंड में अ‌र्घ्य अर्पित कर मंदिर में भगवान भास्कर के दर्शन कर मनोवांछित फल की प्राप्ति करते है।

इस वर्ष कार्तिक छठ मेला को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। रात्रि में मंदिर के अन्दर की प्रकाश व्यवस्था व भगवान का मुखावलोकन देखने लायक होती है। देव में छठ व्रत करने वाले छठव्रति सूर्यकुंड में स्नान के उपरांत तालाब से सूर्य मंदिर तक साष्टांग दंडवत देते हुए मंदिर में आते है और भगवान का दर्शन कर कृतार्थ होते है। कहा जाता है कि यहां सूर्योपासना करने से कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती है। इसकी सत्यता को अनेक कुष्ठ रोगी सूर्योपासकों ने माना है और कुष्ठ रोग से मुक्ति पायी है।

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