दैनिक जागरण लिखते हैं :- ( दैनिक जागरण , पटना , मुख्य पृष्ठ पर भी )
विनोद के जीवन के ख्वाब भले ही रेलगाड़ी के पहिये ने कुचल दिया। उसके अपाहिज होने पर जिला प्रशासन से लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंभू कार्यकर्ताओं का दिल नहीं पसीजा हो, लेकिन सात समंदर पार अमेरिका के जार्जिया विश्वविद्यालय में एमबीए में अध्ययनरत भारतीय छात्र हिमांशु एवं नोएडा के इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राध्यापक रंजन ऋतुराज जरूर उद्वेलित हो उठे हैं। इन दोनों व्यक्तियों ने रेलगाड़ी से गिरने के कारण दोनों पैर गवां चुके मनियारी थाना क्षेत्र के हरिशंकर मनियारी गांव के विनोद ठाकुर के सहयोग में उतरने का मन बनाया है। ये दोनों व्यक्ति इस सप्ताह के अंत तक हरिशंकर मनियारी गांव में जाकर सहायता करने की बात फोन द्वारा बतायी है।
चार दिन पूर्व दैनिक जागरण में प्रमुखता से छपी खबर रेलगाड़ी के पहिये में कुचल गया ख्वाब भी ने आखिर कर असर दिखाया। नोयडा में बिहार टूडे नामक न्यूज पोर्टल साइड चलाने वाले प्राध्यापक रंजन ऋतुराज एवं अमेरिका के जार्जिया विश्वविद्यालय के एमबीए छात्र हिमांशु ने दैनिक जागरण के इंटरनेट संस्करण में उक्त खबर को पढ़ा। खबर पढ़ने के बाद से ही दोनों ने विनोद को मदद करने को ठानी। हिमांशु विश्वविद्यालय में अपने सहपाठियों से भी इस मामले में मदद की पहल शुरू कर दी है। उक्त दोनों व्यक्तियों ने दैनिक जागरण के स्थानीय कार्यालय से संपर्क कर विनोद के बारे में विशेष जानकारी ली तथा अपने द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में भी बताया है।
चार दिन पूर्व दैनिक जागरण में प्रमुखता से छपी खबर रेलगाड़ी के पहिये में कुचल गया ख्वाब भी ने आखिर कर असर दिखाया। नोयडा में बिहार टूडे नामक न्यूज पोर्टल साइड चलाने वाले प्राध्यापक रंजन ऋतुराज एवं अमेरिका के जार्जिया विश्वविद्यालय के एमबीए छात्र हिमांशु ने दैनिक जागरण के इंटरनेट संस्करण में उक्त खबर को पढ़ा। खबर पढ़ने के बाद से ही दोनों ने विनोद को मदद करने को ठानी। हिमांशु विश्वविद्यालय में अपने सहपाठियों से भी इस मामले में मदद की पहल शुरू कर दी है। उक्त दोनों व्यक्तियों ने दैनिक जागरण के स्थानीय कार्यालय से संपर्क कर विनोद के बारे में विशेष जानकारी ली तथा अपने द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में भी बताया है।
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दैनिक जागरण १६ नवम्बर को प्रकाशित खबर :-
उसके जीवन का ख्वाब तो रेलगाड़ी के चक्के के नीचे ही तब कुचल गया जब दोनों पैर कट गये। पैर गंवाने के बाद एसकेएमसीएच से इलाज करा कर घर लौटा तो फिर से जीवन के सपने बुनने लगा। उसे उम्मीद थी कि कोई स्वयं सेवी संस्था अथवा रेडक्रास या सरकारी संस्थाएं उसकी मदद के लिये जरूर आगे आयेगी, लेकिन उसके ये सपने अधूरे रहे। यह दास्तां है मनियारी थाना क्षेत्र के हरिशंकर मनियारी गांव के 42 वर्षीय विनोद ठाकुर की। तीन वर्ष पूर्व मुजफ्फरपुर आने के क्रम में सिलौत स्टेशन के समीप ट्रेन से वह गिर गया था, जिससे उसके दोनों पैर जांघ के निकट से कटकर अलग हो गये। तब लंबे इलाज के बाद वह एसकेएमसीएच से अपने घर लौटा। एक बार फिर वह फेफड़े की बीमारी से ग्रसित होकर एसकेएमसीएच के कक्ष संख्या-3 के बिस्तर संख्या-33 पर भर्ती है। विनोद कहता है कि दोनों पैर कट जाने से एक तो शत प्रतिशत विकलांग होने से चलने-फिरने में लाचार हो गया। अब स्थिति यह है कि कभी परिवार का सहारा रहा विनोद आज खुद बेसहारा बन गया। वह कहता है कि अब जीवन से थक गया हूं। ट्राईसाइकिल के सहारे जीवन कुछ आसान होता। इसके लिए महीनों प्रखंड से कागजात लेने से लेकर रेडक्रास का चक्कर लगाया, लेकिन रेडक्रास वाले छह माह तक दौड़ा कर एक अदद ट्राईसाइकिल भी उपलब्ध नहीं करायी। एसकेएमसीएच से घर लौटने पर वह कुछ दिनों तक मदद की आस लगाये रहा, लेकिन जब उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो घर के पास ही एक छोटी सी दुकान खोल ली। विनोद कहता है कि अगर उसे ट्राईसाइकिल तथा सरकारी सहायता मिलती तो दुकान चलाना उसके लिये आसान होता। वहीं विनोद की पत्नी सुषमा कहती हैं कि उसने मैट्रिक तक शिक्षा पायी है। वह नौकरी करना चाहती है, लेकिन कहां जाये यह पता नहीं। पंचायत एवं प्रखंड से उसे कोई सहायता नहीं मिली है।
2 comments:
Excellent effort.Keep it up.
Ranjan Jee, Kudos for taking the cause of Vinod Jee. I am also committed to help Vinod jee. Let me see how can i do that.
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