मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विकास में हर तबके को हिस्सेदारी मिले, हम यही चाहते हैं। अगड़ा-पिछड़ा, दलित-महादलित या फिर हिंदू-मुसलमान सबके हित की बात करते हैं हम। अब वह जमाना लद गया जब हम समीकरण की राजनीति करते थे और सत्ता में गए और सो गए। यह नहीं चलने वाला है। रविवार को मुख्यमंत्री फतुहा में सोनालिका ट्रैक्टर फैक्ट्री का शिलान्यास कर रहे थे। इंटरनेशनल ट्रैक्टर की इस एसेंबलिंग यूनिट पर 175 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। पंजाब के होशियारपुर के बाद कंपनी की यह दूसरी इकाई है जहां प्रति वर्ष 40 से 45 हजार ट्रैक्टर तैयार किये जाएंगे। इस मौके पर उद्योग मंत्री गौतम सिंह,सोनालिका ट्रैक्टर के अध्यक्ष एल डी मित्तल व राज्य सरकार के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उनके प्रयासों का मजाक उड़ाते हैं। अक्सर यह बात होती है कि यहां कोई निवेश करने नहीं आ रहा पर हम बिहार की सूरत बदल देंगे। हमारा प्रयास दिखाई देगा। जिन्हें नहीं दिखेगा उन्हें उनके बगल वाला हाथ पकड़ कर दिखाएगा। हम चुनौती से नहीं घबराते बल्कि चुनौती को अवसर में तब्दील करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय इस्पात, खाद्य व उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान सेल की प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास कर रहे हैं। यह कदम भी स्वागतयोग्य है पर बिहार के लिए यह कोई विशेष महत्वपूर्ण बात नहीं। कोई भी कारोबारी अपनी सहूलियत के लिए इस तरह की प्रोसेसिंग यूनिट लगाता है। अगर रामविलास सही मायने में बिहार के विकास को लेकर चिंतित हैं तो यहां बोकारो और जमशेदपुर की तरह इस्पात नगरी बनाएं। इसके लिए जितनी भी जमीन की जरूरत होगी बिहार सरकार देने के लिए तैयार है। इस तरह की इस्पात इकाई में कम से कम 10000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। प्रोसेसिंग यूनिट तो सेकेंडरी प्लांट है। उन्होंने रामविलास पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बरौनी स्थित खाद कारखाने को जल्दी शुरू कराएं। नाइपर के लिए राज्य सरकार केंद्र से अधिक पैसा लगा रही है। रेल मंत्री लालू प्रसाद का नाम वैसे तो उन्होंने आज नहीं लिया पर रेलवे की परियोजनाओं और अपनी आलोचनाओं पर खूब बोले। उन्होंने कहा हम किसी से झगड़ते नहीं पर सभी हम पर बरसते रहते हैं। कोई चेताता है तो कोई
श्रद्धांजलि अर्पित करता रहता है। रेलवे की एक-दो परियोजनाओं को छोड़ सभी काम मेरे द्वारा किया गया है। केंद्रीय मंत्री चाहें जितना बोलें पर विकास का काम जरूर करें। बाढ़ राहत के मद में राज्य सरकार ने अपने खजाने से 1,300 करोड़ रुपए खर्च कर दिया पर अब तक हमें केंद्र से एक पाई भी नहीं मिला है। राष्ट्रीय उच्च पथ की मरम्मत पर राज्य सरकार के खजाने से पैसा खर्च हुआ पर हमें कुछ नहीं मिला। हम नहीं बोलते इन सब बातों पर जबकि हमें तो अपना हिस्सा मिलना है। मुख्यमंत्री ने कहा हम तो अगले दो साल में इतना काम कर देंगे कि लोगों को वह साफ दिखाई पड़ेगा। हम यश के लिए पैदा नहीं हुए हैं, हम तो काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा इस क्षेत्र के सांसद रहने की वजह से उनके पास अक्सर यह मांग आती रहती थी कि यहां की ट्रैक्टर व स्कूटर फैक्ट्री को फिर से चालू कराया जाए। यह इलाका कोमा में पड़ा था अब यहां आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी। इस इकाई के इर्द-गिर्द छोटी और मध्यम आकार की औद्योगिक इकाइयां पलेंगी। हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।
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