पटना, जागरण ब्यूरो : एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी)राज्य उच्च पथ (स्टेट हाई-वे) के लिए रुपए देने को तैयार हो गया है। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि 1654 करोड़ की लागत से 820 किलोमीटर सड़केंबनेंगी। वे गुरुवार को विधानसभा में 2007-08 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी में सम्मिलित अनुदान की मांगों (पथ निर्माण विभाग) पर पेश कटौती प्रस्ताव पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की तरफ से जवाब दे रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च पथ की दुर्दशा के लिए केंद्र को जिम्मेदार बताया। बोले-विशेषकर एनएचडीपी-3 के मामले में बिहार के साथ भेदभाव हुआ है। केंद्र अनावश्यक विलंब कर रहा है। वह इस योजना में समुचित राशि उपलब्ध कराए। उन्होंने जोर देकर कहा कि लूट की छूट नहीं मिलेगी। उनका विधायकों से आग्रह रहा कि वे जहां भी सड़क निर्माण में गड़बड़ी देखें, तुरंत हमें सूचित करें। राज्य पथ में और 826 किलोमीटर सड़कें शामिल की जा रहीं हैं। एडीबी की मदद से बनने वाली सड़कों (9 स्टेट हाई-वे) पर मार्च-अप्रैल महीने से काम शुरू हो जाएगा। इसी महीने टेंडर होगा। बिहटा-सरमेरा पथ की फोर लेनिंग होगी। उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी और इरकान को दी गई चेतावनी से सदन को अवगत कराया कि अगर उसने कार्य में गति नहीं लाई तो राज्य सरकार उनसे काम नहीं लेगी, खुद सड़क बनाएगी। त्रिपक्षीय एकरारनामा के अनुसार कुल 42 में से 40 पैकेज का कार्य आवंटित है। इसकी प्राक्कलित राशि 2976 करोड़ रुपए है। पिछले वर्ष 577 करोड़ दिए गए थे। शेष 911 करोड़ रुपए इस वर्ष उपलब्ध कराने हैं। श्री यादव ने कहा कि पथ निर्माण विभाग बड़ा बदनाम विभाग था। अलकतरा घोटाले में एक विभागीय मंत्री जेल भी गए। हमने इसमें कार्य संस्कृति विकसित की। बदनाम ठेकेदार काली सूची में डाले गए। पिछले जून महीने में अर्थ दंड के रूप में 25 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूली गई। हालांकि हमने ठेकेदारों की क्षमता भी बढ़ाई। नए लोगों को मौका दिया। कुल 574 नए ठेकेदारों का विभाग में निबंधन हुआ। वे हमारे इक्विपमेंट बैंक की मदद से राज्य के विकास में मदद कर रहे हैं। मंत्री ने एनएचएआई को सौंपी गई सड़कों को छोड़ बाकी पथों तथा वृहद् जिला पथ के निर्माण व मरम्मत का व्यापक ब्योरा पेश किया। कहा-केंद्रीय असहयोग से आजिज आकर हमने राष्ट्रीय उच्च पथों को जर्जर होने से बचाया। 392 करोड़ की लागत से काम शुरू किया। उनके अनुसार बाढ़ ने 1200 किलोमीटर सड़कों को ध्वस्त कर दिया। 102 पुल-पुलिया टूटे लेकिन हमारा मनोबल व जनता के लिए प्रतिबद्धता नहीं टूटी है। कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए किशोर कुमार मुन्ना ने सरकार की तारीफ तो की मगर यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत 80 पुलों पर काम शुरू नहीं हुआ है। रुपए ट्रेजरी से निकालकर पुल निर्माण निगम के खाते में जमा कर दिए गए हैं। 11 स्टेट हाई-वे में से एक पर काम शुरू नहीं हुआ है। सरकार घोषणाओं को साकार भी करे। वाद-विवाद में रामचरित्र प्रसाद सिंह, लालबाबू राय, अमरेंद्र प्रताप सिंह, अनंत कुमार सत्यार्थी, व्यासदेव प्रसाद, रामधार सिंह, प्रदीप कुमार, दामोदर सिंह, प्रमोद कुमार, हरिभूषण ठाकुर व नरेंद्र नारायण सिंह ने भी हिस्सा लिया।
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