

बिहार में कायस्थों को नजरअंदाज कर नहीं चल सकते। लेकिन यह भी सच्चाई है कि आज का कायस्थ समाज बिखर रहा है। यह मानना है केन्द्रीय राज्य मंत्री सुबोध कांत सहाय का। वे रविवार को स्थानीय पाटलिपुत्र मैदान में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के 125 वें राष्ट्रीय महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। श्री सहाय ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में राजेन्द्र प्रसाद, डा.सच्चिदानंद सिन्हा, सुभाष चंद्र बोस जैसी विभूतियों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कायस्थों ने हमेशा समाज में तनाव कम करने का प्रयास किया है। लेकिन हमारे समाज का स्वरूप बिगड़ रहा है। कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बताना होगा कि चित्रगुप्त के वंशज समाज तोड़ने में नहीं जोड़ने में यकीन रखते हैं। अपने संबोधन में उन्होंने महासभा को कायस्थ को-आपरेटिव बैंक की स्थापना करने का सुझाव दिया। इसके लिए उन्होंने महासभा के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र किशोर सिन्हा से पहल करने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार इलाहाबाद में कायस्थ पाठशाला स्थानीय राजनीति का केन्द्र बन कर उभरा है। इसी प्रकार की पाठशाला देश के विभिन्न शहरों में खोले जाने की आवश्यकता है। इससे रोजगार का अवसर मिलेगा साथ ही समाज के लिए एक मीटिंग प्वाइंट विकसित होगा। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आत्मविश्र्वास ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है। आज नौकरियों के साथ-साथ कायस्थ समाज के लोग व्यापार के क्षेत्र में भी काफी अच्छा कर रहे हैं। इनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। श्री प्रसाद ने कहा कि समाज में टकराव की स्थिति को दूर करने में हमेशा कायस्थों की भूमिका अग्रणी रही है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कायस्थ समाज के लोग लोकतंत्र में वोट के महत्व को नहीं समझते और वोट डालने नहीं जाते। उन्होंने आर्थिक आधार पर आरक्षण के महासभा के प्रस्ताव का समर्थन किया। अपने संबोधन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने समाज के लोगों से दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने की अपील की। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वागताध्यक्ष रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने कहा कायस्थ समाज को अपने गौरवशाली अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए। जबकि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सारंग ने महासभा द्वारा पेश किये गये दो प्रस्तावों को आम सभा के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि स्वर्ण समाज की उपेक्षा पर एक सर्ववर्गीय सम्मेलन बुलाने का सुझाव दिया। जिसमें महासभा समन्वयक की भूमिका में रहेगा। इससे पूर्व महासभा ने न्यायमूर्ति प्रेमशंकर सहाय, डा. सच्चिदानंद, राजा टोडरमल के वंशज गिरिजानंद सिन्हा व राजेश नारायण सिन्हा, नृत्यांगना पद्मश्री शोभना नारायण, अभिनेता शेखर सुमन की माता, केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर सहाय को सम्मानित किया गया। मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष रविनंदन सहाय, राष्ट्रीय महामंत्री निर्मल शंकर श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश नारायण श्रीवास्तव, विधायक अरूण कुमार सिन्हा, नितिन नवीन,चौधरी जितेन्द्र नाथ सिंह, आर.आर.प्रसाद, महेन्द्र कुमार सक्सेना, मीरा निगम, संजीव श्रीवास्तव, माया सिन्हा, योगेन्द्र प्रसाद वर्मा, एस.के.श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
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