Wednesday, April 23, 2008

आयुर्वेद के पांच नये विषयों में होगी पीजी की पढ़ाई

पटना राजकीय आयुर्वेद कालेज, पटना में पांच नये विषयों में एमडी (आयुर्वेद) की पढ़ाई होगी। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति के लिए केन्द्रीय चिकित्सा परिषद (सीसीआई) को अनापत्ति पत्र भेज दिया गया है। इसी माह पढ़ाई शुरू करने को निर्धारित राशि सीसीआई को भेज दी जायेगी। इसके बाद परिषद द्वारा मई में कालेज का निरीक्षण करने की संभावना है। इसके बाद नये विषयों में सीटें आवंटित की जायेंगी। सबकुछ ठीक रखने पर चालू सत्र में ही नामांकन का रास्ता साफ हो जायेगा। प्राचार्या डा. इन्दु मिश्रा ने बताया कि पांच नये विषयों में पीजी पढ़ाई प्रारंभ करने के प्रयास शुरू कर दिये गये हैं।

बता दें कि पिछले माह ही ग्यारह वर्षाें के बाद कालेज में दो बैचों में द्रव गुण एवं रस शास्त्र में एमडी (आयुर्वेद) में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। दोनों बैचों में कुल सोलह छात्र लिखित परीक्षा में सफल रहे जिनकी काउंसलिंग चार अपै्रल को होगी। विदित हो कि कालेज में 1980 में द्रव गुण एवं रस शास्त्र में एमडी की पढ़ाई प्रारंभ हुई। तब से लेकर एक भी नये विषयों में एमडी की पढ़ाई शुरू नहीं हुई। इसके लिए बीआर अंबेडकर बिहार विवि एवं राज्य सरकार जिम्मेदार रही जो सीसीआई के निर्देश के बावजूद नये विषयों में एमडी की पढ़ाई शुरू करने में रुचि नहीं ली। कभी अनापत्ति नहीं मिलने तो कभी समय पर राशि नहीं मिलने से मामला लटका रहा। दो वर्ष पूर्व राज्य सरकार एवं विवि ने को पांच नये विषयों में एमडी की पढ़ाई शुरू करने के लिए सीसीआई को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था। राज्य सरकार ने राशि भी उपलब्ध करा दी थी लेकिन कालेज द्वारा सीसीआई को समय पर राशि नहीं भेजने के कारण मामला लटका रह गया। बताया जाता है कि राशि भेजने की अंतिम तिथि अपै्रल निर्धारित है। उसके बाद परिषद राशि स्वीकार नहीं करती है। पिछली गलती से सबक लेते हुए कालेज प्रशासन इस बार पांच नये विषयों में एमडी की पढ़ाई शुरू करने में कोई लापरवाही नहीं बरतेगा। कालेज द्वारा काई चिकित्सा (जनरल मेडिसिन), शरीर रचना (एनाटामी), शल्य (सर्जरी), शालक्य (ईएनटी) एवं मौलिक सिद्धांत (बेसिक थ्योरी) में एमडी की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव सीसीआई के भेजा गया है। राशि मिलने के बाद सीसीआई द्वारा कालेज का निरीक्षण किया जायेगा। इसके बाद सीटें आवंटित की जायेंगी।

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