Saturday, April 12, 2008

बेगूसराय में गरजी कलम की ताकत

बेगूसराय। शहर से बारह किलोमीटर दूर गोदरगावां में बुधवार को कलम की ताकत कुछ इस कदर गरजी की गांव का बच्चा-बच्चा घर छोड़ इसे सुनने उमड़ पड़ा। राष्ट्र कवि दिनकर की धरती पर अंतर्राष्ट्रीय रंगकर्मी 82 वर्षीय हबीब तनवीर, देश के दिग्गज लेखक डा. नामवर सिंह, डा. असगर अली इंजीनियर तथा डा. कमला प्रसाद सहित देश-विदेश से आए करीब दो सौ प्रतिनिधियों ने आज यहां एकजुटता दिखाकर गांव से ही देश को नई दिशा देने का बिगुल फूंका। मौका था प्रगतिशील लेखक संघ के 14वें राष्ट्रीय अधिवेशन का। गांव में इस तरह के आयोजन के लिए देश के उपराष्ट्रपति हामीद अंसारी ने पत्र के जरिए प्रगतिशील लेखक संघ को बधाई संदेश भी भेजा है।

नये समाज के निर्माण के संकल्प के साथ आयोजित इस अधिवेशन के उद्घाटन भाषण में रंगकर्मी हबीब तनवीर ने कहा कि अब समय आ गया है देश में एक और इंकलाब का। इसी इंकलाब के लिए मैंने 'राजरक्त' नाटक के जरिए वामपंथी बंदूक को रविन्द्रनाथ टैगोर के कंधे पर रखकर समाज के सामने दाग दिया है। उन्होंने कहा कि जब कल इस नाटक का मंचन होगा तो राष्ट्र कवि दिनकर की यह धरती इसका गवाह बनेगी। श्री तनवीर ने कहा कि महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश को सभी याद करते हैं लेकिन उस पर चलते कितने है? हमारी कलम की ताकत समाज के लोगों को इसी रास्ते पर चलने को मजबूर करेगी। वहीं प्रसिद्ध लेखक डा. नामवर सिंह ने कहा कि प्रगतिशील व तरक्की पसंद लोगों की फौज यहां गोदरगावां में प्रलेस के मंच पर जुटी है। डा. सिंह ने कहा कि हमारे पास बम-तोप नहीं लेकिन कलम रूपी हथियार है। साम्राज्यवाद बहुत कठोर दिखता है पर हम लेखक अपने इसी नाजुक हथियार से इसका मुकाबला करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि दिनकरजी ने भी देश की तरक्की के लिए गांव की जमीन को थामे रखने को कहा था। इस अधिवेशन के जरिए उनके विचार को भी अमल में लाया गया है। वहीं सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ जंग लड़ने वाले लेखक डा. असगर अली इंजीनियर ने कहा हम आजाद देश में रह कर भी आजाद नहीं है। शिक्षा को उद्योग बना दिया गया है। मूल्यों को बेचकर सरकार काम कर रही है लेकिन लेखक मूल्यों को बेचकर कोई काम न करे। इससे पहले अधिवेशन की शुरुआत सांस्कृतिक मार्च के जरिए हुई। बता दें कि अधिवेशन का उद्घाटन लेखिका महाश्वेता देवी को करना था लेकिन वह किसी कारण से नहीं आ सकीं। अधिवेशन में मुख्य रूप से बंगलादेश व श्रीलंका से आये प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. नामवर सिंह ने की। जबकि स्वागत भाषण बरौनी विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह और मंच का संचालन प्रलेस के प्रदेश महासचिव राजेन्द्र राजन ने किया। इस मौके पर प्रो. तुलसीराम, पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, प्रलेस के डा. खगेन्द्र ठाकुर, इप्टा के अमिताभ चक्रवर्ती, हयात के संपादक समीम फैजी सहित कई लेखकों ने भी अपने-अपने विचार रखे।

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