Saturday, January 16, 2010

बिहार सरकार की उदासीनता का परिणाम थी कोसी की तबाही

बिहार सरकार की उदासीनता का परिणाम थी कोसी की तबाही

 बिहार के प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने 2008 में कोसी नदी के तटबंध टूटने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। तटबंधों के टूटने से आई बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था और कई लोग मारे गए थे।



आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, बिहार के जल संसाधन विभाग ने संरक्षण कार्य में तत्परता में कमी दिखायी जिसके कारण 2008 में नेपाल में कुसाहा में कोसी के बांध में दरार आयी।



नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के अंदर आने वाले पीएजी कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जल संसाधन विभाग ने बांध प्रभाग और बीरपुर के पूर्वी कोसी तटबंध प्रभाग के उन प्रस्तावों को स्वीकार नही किया जिसमें कमजोर बांधों के संरक्षण की बात थी। इसमें 2008 के बाढ़ में बह गए बांध भी शामिल थे।



बांधों को दुरूस्त करने के बजाए विभाग ने निर्माण कार्य को 11 जगहों से समेट कर 12.8 किलोमीटर से 13.6 किलोमीटर के बीच केवल पांच जगह कर दिया और ग्रामीण इलाकों में बांधों को मरम्मत करने का तो विचार ही नही किया।

साभार : हिंदुस्तान दैनिक , पटना

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